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रासायनिक अभिक्रिया तथा समीकरण Chapter 1 Notes in Hindi Part-1


विज्ञान कक्षा-10 हिन्दी माध्यम


रासायनिक अभिक्रिया तथा समीकरण


रासायनिक अभिक्रिया तथा समीकरण Chapter 1 Notes in Hindi

रासायनिक अभिक्रियाएं : रासायनिक अभिक्रिया वे प्रक्रिया हैं जिनमें नए गुणधर्मों के साथ नए पदार्थ बनाते है। 
उदाहरणः
1.दूध से दही बनना।
2.भोजन का पकना।
3.मैग्न्यियम रिबन को वायु में जलाने पर मैग्नि्यियम आक्साइड का निर्माण होना।

रासायनिक अभिक्रियाओं के अभिलक्षण: रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित है-
1.गैस का उत्सर्जन- जैसे जिंक तथा तनु सलफ्युरिक अम्ल के बीच रासायनिक अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस निकलती है।
2.तापमान में परिवर्तन-जैसे चुने तथा पानी के बीच अभिक्रिया से बुझा हुआ चूना बनता है तथा काफी मात्रा में उष्मा ऊर्जा निर्मुक्त होती है।
3.अवक्षेप का बनना- लेड नाइट्रेट और पोटै्यियम आयोडाइड के बीच रासायनिक अभिक्रिया से लेड आयोडाइड के पीले अवक्षेप बनते हैं।
4.अवस्था में परिवर्तन-कार्बन मोनेआक्साइड गैस तथा हाइड्रोजन गैस की अभिक्रिया से मेथनोल (द्रव) बनना।
5.रंग में परिवर्तन- लोहे में जंग लगना।


रासायनिक समीकरण: किसी रासायनिक अभिक्रिया का प्रतीकों और सूत्रों द्वारा निरूपण ‘रासायनिक समीकरण कहलाता है।
उदाहरण: मैग्न्यियम रिबन को वायु में जलाने पर मैग्न्यियम आक्साइड का निर्माण होना इस रासायनिक अभिक्रिया को रासायनिक समीकरण के रूप में इस प्रकार लिख सकते है- मैग्निशियम + ऑक्सीजन ------> मैग्निशियम ऑक्साइड 


अभिकारक और उत्पाद:-
जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते है, अभिकारक कहलाते है तथा रासायनिक अभिक्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न नए पदार्थ उत्पाद कहलाते है।
 

संतुलित रासायनिक समीकरण :-
ऐसा रासायनिक समीकरण जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर हो संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है।

असतुलित रासायनिक समीकरण-: ऐसा रासायनिक समीकरण जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में एक या अधिक तत्वों के परमाणुओं की संख्या असमान हो अंसतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है।

रासायनिक समीकरण का संतुलन:
किसी रासायनिक समीकरण में अभिकारकों और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर करने की प्रक्रिया को रासायनिक समीकरणों का संतुलन कहते है।

 

समीकरण को संतुलित करने की आवश्यकता:
द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश। अर्थात किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों को कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होती है।
अतः रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्चात् प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है इसलिए हमें कंकाली रासायनिक को संतुलित करना आवश्यक है।
 
रासायनिक समीकरण को लिखने के निर्देश:-
·  रासायनिक अभिक्रिया को लिखनके के लिए समीकरण में सर्वप्रथम अभिकारक लिखकर तीर का निशान लगाया जाता है, उसके बाद उत्पाद लिखा जाता है। अभिकारको और उत्पादाके की संख्या एक से अधिक होने पर उनके बीच जोड़ को चिन्ह(+) | 

·  रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करना आवश्यक है।
·  रासायनिक समीकरण को संतुलित करते समय हम किसी भी तत्व या यौगिक का सूत्र परिवर्तित नही कर सकत।
·  छोटे रासायनिक समीकरणों को हल करने के लिए हम हिट एंड ट्रायल विधि का प्रयोग करते है।

·  समीकरण को संतुलित करने के बाद अभिकारकों तथा उत्पादाके की भौतिक अवस्था को बताने के लिए उनके साथ कोष्ठक में ठोस के लिए (s)द्रव के लिए (l) तथा गैस के लिए (g) लिख देते है अभिकारक तथा उत्पाद जब जलीय विलयन के रूप में होते है, तो उनके साथ कोष्ठक मे (aq) लिखते है।




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